भारत की राष्ट्रपति, श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने वर्ष 2024 के लिए दिव्यांगजन सशक्तीकरण के क्षेत्र में राष्ट्रीय पुरस्कार प्रदान किए
राष्ट्रपति भवन : 03.12.2024
भारत की राष्ट्रपति, श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने आज 3 दिसम्बर, 2024 को अंतरराष्ट्रीय दिव्यांगजन दिवस के अवसर पर नई दिल्ली में वर्ष 2024 के लिए दिव्यांगजन सशक्तीकरण के क्षेत्र में राष्ट्रीय पुरस्कार प्रदान किए।
इस अवसर पर बोलते हुए, राष्ट्रपति ने सभी पुरस्कार विजेताओं को बधाई दी। उन्होंने कहा कि इन पुरस्कारों का बहुत व्यापक सामाजिक महत्व है। इनका अनुकरण करके, अन्य व्यक्ति और संस्थान, दिव्यांगजन के सशक्तीकरण की दिशा में आगे बढ़ सकते हैं।
इस वर्ष के अंतरराष्ट्रीय दिव्यांगजन दिवस के विषय ‘समावेशी और धारणीय भविष्य के लिए दिव्यांगजन में नेतृत्व क्षमता को बढ़ावा देना’ का उल्लेख करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि दिव्यांगजन में उद्यमिता यानी आंत्रप्रन्योरशिप को बढ़ावा देने, उनका कौशल-विकास करने, उन्हें रोजगार प्रदान करने, उनके उत्पादों की खरीद को वरीयता देने की व्यवस्था करने, तथा उन्हें विपणन की सुविधाएं प्रदान करने से उनमें नेतृत्व की क्षमता बढ़ेगी।
राष्ट्रपति ने कहा कि सभी दिव्यांगजन को सहजता और बराबरी का अनुभव कराना पूरी मानवता का कर्तव्य है। दिव्यांगजन को हर तरह से बाधामुक्त वातावरण सुलभ कराना समाज की प्राथमिकता होनी चाहिए। सही मायने में उसी समाज को संवेदनशील कहा जा सकता है जिसमें दिव्यांगजन को समान सुविधाएं तथा अवसर प्राप्त होते हैं।
राष्ट्रपति ने कहा कि दिव्यांग होना किसी तरह की कमी नहीं है। यह एक विशेष अवस्था है। हमारे दिव्यांगजन को सहानुभूति नहीं, संवेदना चाहिए, कृपा नहीं, संवेदनशीलता चाहिए, विशेष ध्यानाकर्षण नहीं, स्वाभाविक अपनापन चाहिए। समाज का यह दायित्व है कि दिव्यांगजन को समाज के अन्य सदस्यों के बीच समानता, गरिमा और सम्मान का अनुभव हो।
राष्ट्रपति ने कहा कि काम करने का अवसर, किसी भी अन्य व्यक्ति की तरह, दिव्यांगजन में भी, आत्म-विश्वास और सार्थक जीवन जीने की भावना पैदा करता है। इस प्रकार रोजगार, उद्यम तथा आर्थिक सशक्तीकरण के जरिए दिव्यांगजन के जीवन को बेहतर बनाया जा सकता है।